हमारे देश भारत में अनेक राज्य हैं लेकिन उनमें से एक बेहद ही खास राज्य है, झारखंड जो कि प्राकृतिक दृष्टि से काफी समृद्ध राज्य है। यहां का अधिकांश क्षेत्र घने वनों और खनिजों से भरा हुआ है। यहां विभिन्न प्रकार के खनिज को भूगर्भ से निकालकर देश के अलग-अलग जगह पहुंचाएं जाते हैं।
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The Famous Valley Patratu Valley-Jharkhand Ki Shaan |
यहां के प्राकृतिक पर्यटन स्थलों में आप नदी-झरने, घाटी, पहाड़ आदि देख सकते हैं। इस Article में आज हम जानेंगे - झारखंड के जंगलों के बीच बसी खूबसूरत पतरातू घाटी (Patratu Valley) के बारे में, जानिए पर्यटन के लिहाज से यह घाटी आपके लिए कितनी खास है।
क्यों पतरातू घाटी झारखण्ड की शान है ?
झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित है पतरातू नाम का एक गांव ( जिसे लोग प्यार से घाटी नगर भी कहते हैं।) जिसके चारों ओर पहाड़ ही पहाड़ भरा हुआ है। इसी पहाड़ों को काटकर एक बहुत ही खूबसूरत घुमावदार घाटी बनाया गया है। जो अपने मनमोहक हरियाली वातावरण, पहाड़ी सौंदर्य, और बड़े बांध (डैम) के लिए जाना जाता है।
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The Famous Valley Patratu Valley-Jharkhand Ki Shaan |
यह घाटी नगर समुद्र तल से करीब 1300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां आप छुटि्टयों पर घूमने और मौज - मस्ती करने के लिए आ सकते हैं।
यह एक बहुत ही सुन्दर जगह है, जहां आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ आ सकते हैं। यह पहाड़ी स्थल हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है, जिसे घुमावदार सड़के और भी आकर्षक बनाने का काम करती हैं।
पतरातू घाटी के बारे में बहुत ही सुन्दर लेख आपके बीच प्रस्तुत है जो एक ब्लॉगर ने अपने शब्दों में इस तरह से बयां किया है :-
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The Famous Valley Patratu Valley-Jharkhand Ki Shaan |
“पतरातू घाटी तेरी ओर”
काली नागिन सी सरपट सड़क जो पाई,
एक ओर अडिग वो पर्वत, दूसरी ओर खाई ।नभ जो नीले सागर सा अनंत बना,
दूर इस परिदृश्य में वो झील मोतियों से घना ।शांत चित्त से मैं देखूँ यह सब प्रसन्न खड़ा,
हरी चादर ओढ़े यह पर्वतों का सम्मेलन लगे बड़ा ।सूर्य की ऊष्मा को ठंढी करती यह हवा और पत्तों का स्वेद,
दूर करें थके प्राण की चीख और मेरे मन के खेद ।क्यों न यही बस जाऊँ यह प्रश्न कई बार है सुझाता,
उछलती कूदती निगाहों से यह चित्त क्या है ढूंढता ।ढलते सूरज की ठंडक से घर की याद आने लगी जोर,
फिर लौटकर आऊंगा कभी “पतरातू घाटी” तेरी ओर ।
✍️ लेखक :- शशि कुमार
पतरातू डैम (बांध) क्यों ख़ास है ?
पतरातू डैम का निर्माण लगभग 1960 में Patratu Thermal Power Station (PTPS) को पानी की आपूर्ति के उद्देश्य से किया गया था। नलकारी नदी से और इस बांध के आस-पास की पहाड़ियों के झरने से गिरता हुआ पानी इस बांध में जमा किया जाता है। इस डैम की कुल भंडारण क्षमता 81 वर्ग मील है।
पतरातू डैम के बगल में एक बिजली घर है तथा इसके सामने ही प्राचीन पंचवाहिनी मंदिर है जो धार्मिक स्थान के लिए प्रसिद्ध है।
इस बांध को नलकारी बांध भी कहा जाता है जो पहाड़ों पर बने खूबसूरत Scannery & Surpin के कारण सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है जो बांध को तीनों ओर से बांधता है। यह एक सुंदर पर्यटन स्थल है और पूरे वर्ष में विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में काफ़ी संख्या में लोग यहां पर पिकनिक मनाने के लिए आते हैं।
पतरातू घाटी क्यों आएं ?
पतरातू घाटी का भ्रमण कई उद्देश्यों को एक साथ पूरा करने के लिए किया जा सकता है। अगर आप एक प्रकृति प्रेमी ( Nature Lover) हैं तो आप यहां सुकून भरा सयम प्रकृति के करीब जाकर बिता सकते हैं। बिलकुल शांत तथा एकांत प्रेमियों के लिए भी यह जगह काफी ज्यादा मायने रखती है।
यहां के घने वन - जंगल, नदी - नाला , झील - झारना और शांत माहौल मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करती है। यह पहाड़ी स्थल अपने पतरातू बिजली संयंत्र के लिए भी बेहद लोकप्रिय है। एक शानदार अवकाश के लिए आपको यहां जरूर आना चाहिए।
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The Famous Valley Patratu Valley-Jharkhand Ki Shaan |
यह पर्यटन स्थल अभी भी अधिकांश लोगों की नजर से काफी दूर है, इसलिए कुछ नया जानने और अनुभव करने के लिए आप यहां आ सकते हैं। यदि आप एक Adventure का शौकीन रखते हैं तो आपके लिए भी यहां बहुत कुछ Available है, आप यहां Tracking, Hiking का रोमांच भरा अनुभव ले सकते हैं। इन सब के अलावा आप नलकारी नदी और पतरातू झील की ओर भी रूख कर सकते हैं।
पतरातू का भ्रमण ख़ास कर अक्टूबर से लेकर फरवरी महीना के लिए अनुकूल माना जाता है। यहां का भ्रमण साल भर नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह भूखंड गर्मियों के दिनों में काफी तपता है जिसके कारण बहुत गर्मी लगती है तथा सर्दियों के मौसम में काफी ठंड ग्रहण करता है जिसके कारण बहुत ठंड लगती है। लेकिन सर्दियों का मौसम यहां आने का अनुकूल समय माना जाता है।
पतरातू घाटी कैसे पहुंचें ?
By Air :-
- Nearest Airport - Ranchi Airport
यहां से पतरातू की दूरी लगभग 40 KM है।
By Train :-
- Nearest Railway Station - Ranchi & Hatia, Ramgarh, Patratu, Hazaribagh Railway Station
रांची रेलवे स्टेशन से 35 KM, रामगढ़ रेलवे स्टेशन से 30 KM, तथा हजारीबाग रेलवे स्टेशन से पतरातू की दूरी लगभग 40 KM है। यहां नियमित ट्रेनों के माध्यम से देश के अन्य प्रमुख शहरों और नगरों से पतरातू जुड़ा हुआ है।
By Bus :-
- Nearest Bus Stand - Patratu, Ramgarh, Hazaribagh, Ranchi Bus Stand
रांची बस स्टैंड से 35 KM, रामगढ़ बस स्टैंड से 30 KM, तथा हजारीबाग बस स्टैंड से पतरातू की दूरी लगभग 40 KM है।
देश के कहीं से भी आकर आप Private Car, Taxi, Cab आदि से यहां पहुंच सकते हैं।
पतरातू लेक रिजार्ट (Patratu Lake Resort) की क्या है खास बात ?
पहले तो पतरातू डैम सिर्फ़ प्रवासी पक्षियों को ही आकर्षित कर था लेकीन अब पूरी दुनिया को करेगा। हर साल यहां पर सात समंदर पार से प्रवासी पक्षी आते हैं, महीनों रहते हैं और फिर चले जाते हैं।
अब दुनिया भर के लोग भी पतरातू डैम का आनंद उठा सकेंगे तथा यहां पर रह सकेंगे क्योंकि अब इसकी पहचान "पतरातू लेक रिजार्ट (Patratu Lake Resort)" के रूप में हो रही है।
यह झारखण्ड सरकार का एक Dream Project था जो 134 करोड़ रुपए की लागत से Jharkhand Tourism Development Corporation ( JTDC ) द्वारा बनवाया गया। इसे Tourist Destination के रूप में भी विकसित किया गया है।
यहां पर Mural Art ( वैसी चित्रकला जो दीवारों पर बनाई जाती हो) से दीवारें सजाई गई हैं जो बहुत ही सुन्दर लगती है। इसका विशाल आकर्षक मुख्य द्वार, पैदल पथ का निर्माण, रस्सी पर चलने वाले, छठ घाट, चिल्ड्रेन पार्क, दुकानें, पार्किंग स्थल, गेस्ट हाउस, डैम टापू पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है।
"पतरातू क्षेत्र Photography & Videography के लिए भी काफ़ी लोकप्रिय है।"
वैसे तो घाटी हो या डैम, ये फिल्मकारों को भी आकर्षित करता रहा है। 2015 से जो सिलसिला शुरू हुआ, वह अब तक जारी है और जारी रहेगा। रांची में फिल्म PR का काम देखने वाले संजय पुजारी जी बताते हैं कि सबसे पहली फिल्म "नाचे नागिन गली-गली" थी जो 2015 में शूट हुई थी। इसके बाद 2016 में "काशी - अमरनाथ", 2017 में "हर-हर महादेव"। हिंदी फिल्म - "चरखारी", "बेगम जान"।
2018 में नागपुरी फिल्म - "महुआ", "देवा रिक्शावाला"। पंजाबी फिल्म - "रुपिंदर गांधी", "रांची डायरी"। रवि किशन की हिंदी फिल्म "हंच", अर्जुन रामपाल की फिल्म "नास्तिक", भोजपुरी फिल्म "संघर्ष", 2019 में अक्षय खन्ना की हिंदी फिल्म "सब कुशल मंगल" आदि की शूटिंग इस इलाके में हुई।
यहां पर फिल्मों की शूटिंग होने से राज्य सरकार को बहुत ही फायदा होगा। इस क्षेत्र में आने के बाद निर्देशकों को पहाड़ - झारनों की खूबसूरती, डैम, घाटी सब कुछ एक साथ और एक ही जगह पर मिल जाते हैं। फिल्मों की शूटिंग होने से हमारे झारखंड सरकार को काफी फ़ायदा हो रहा है और साथ ही यहां के स्थानीय कलाकारों को भी।
यहां पर बहुत ही सारे नागपुरी, खोरठा, भोजपुरी, बंगाली, कुंड़ूख, संताली इत्यादि गीतों का भी शुटिंग होता है। इस जगह पर होटल व ट्रैवल के क्षेत्र में भी रोजगार की संभावनाएं बढ़ गईं है। अब रिजार्ट बन जाने से यहां ठहरने की भी व्यवस्था हो गई है।
पतरातू घाटी जैसे पर्यटन स्थलों के नाम -
- सीता जलप्रपात/ Sita Falls / Sita Falls
- जोन्हा फॉल / Jonha Falls
- हुंडरू जलप्रपात /Hundru Fall
- पेरवा घाघ जलप्रपात /Perwa Ghagh Fall
- दशम जलप्रपात /Dasham Fall
- सूर्य मंदिर / Surya Mandir
- दिउड़ी मंदिर / Dewri Mandir
- बिरसा जैविक उद्यान / Bhagwan Birsa Biological Park
निष्कर्ष -
आज के इस Article में हमने आपको बताया कि - पतरातू घाटी, डैम, लेक रिजार्ट कहां पर स्थित है ?, इसका निर्माण कौन तथा क्यों किया है ?, पतरातू घाटी का क्या खास बातें हैं ?, तथा इससे जुड़ी हुई बहुत सारे रोचक जानकारी भी साझा किए हैं।
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