Surya Mandir Bundu | सूर्य मंदिर बुण्डू | Ranchi Ki Shaan

 भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है यहां के हर एक मंदिर का अलग - अलग पहचान तथा महत्व है। यहां पर आपको हर दो कदम में मंदिर या कोई धार्मिक स्थल दिख जाएंगे। हर मंदिर की अपनी कहानी, इतिहास तथा प्राथमिकता है, जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। जहाँ पर लोग अपनी श्रद्धा तथा आस्था के अनुसार विधिवत पूजा अर्चना करते हैं। 

आज हम आपको एक Most Popular Temple of Jharkhand के बारे में बताने जा रहे हैं। जो झारखंड में ही नहीं बल्कि पूरे देश - विदेशों में अपनी प्रसिद्धि बनाए हुए हैं । ये मंदिर उड़िसा के कोणार्क सूर्य मंदिर के बाद सूर्य मंदिर के रूप में  दूसरे नंबर पर आता है। जो भव्यता और सुंदरता लिए प्रसिद्ध है। जिसका नाम है - सूर्य मंदिर बुंडू , रांची ( Sun Tample Bundu , Ranchi ), 

आज के इस Article जानने हैं की  :-

  • सूर्य मंदिर कहां पर स्थित है?
  • सूर्य मंदिर का निर्माण कब हुआ ?
  • सूर्य मंदिर का निर्माण किसने कराया है?
  • सूर्य मंदिर की खास विशेषता क्या है ?
  • सुर्य मन्दिर मेला कब लगता है ?
  • सूर्य मंदिर कब आयें ? 
  • सूर्य मंदिर  के बारे में रोचक जानकारियाँ जो आपके लिए लाभदायक होने वाली है 

सूर्य मंदिर कहां पर स्थित है?

सूर्य मंदिर ( Surya Mandir ) झारखंड की राजधानी रांची से दक्षिण -पूर्व दिशा में लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर प्रधान नगर एदलहातु, बुंडू में स्थित है। यह मंदिर NH - 33 के बिल्कुल नजदीक है इस कारण यहाँ पर आवागमन की सुविधा बहुत अच्छी है. 
इस कारण यहाँ पर आने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होती है। NH - 33 के समीप ही सूर्य मंदिर का तोरणद्वार है जहाँ से मंदिर तक अच्छी सड़क बनी हुई है। ये Most Popular Temple of Jharkhand में से एक है।

Surya Mandir Bundu-Ranchi Ki Shaan
Surya Mandir Bundu | सूर्य मंदिर बुण्डू | Ranchi Ki Shaan

 ये पवित्र दार्शनिक स्थल है। अभी तक की जानकारी के अनुसार यह मंदिर अन्य मंदिर से बहुत बड़ा है। ये मंदिर उड़िसा के कोणार्क सूर्य मंदिर के बाद दूसरे नंबर पर आता है।

सूर्य मंदिर का निर्माण कब और किसने कराया है ?

सूर्य मंदिर के निर्माण में मुख्य भूमिका एदलहातू के प्रधान सिंह मुंडा एवं मारवाड़ी समाज के समाजसेवी सीताराम मारू को जाता है। हालाँकि अभी ना तो प्रधान सिंह मुंडा जी हमारे बीच हैं और ना ही सीताराम मारू जी हैं।

इस मंदिर के निर्माण के लिए प्रधान सिंह मुंडा जी ने अपने इस विशाल जमीन को दान में दिए। प्रधान सिंह मुंडा जी मंदिर के पास के ही गांव एदलहातू के रहने वाले थे। इतना बड़ा परिसर दान में देना कोई आम बात नहीं है इसके लिए आदमी का दिल बड़ा होना चाहिए और मंदिर जैसी धार्मिक स्थल में श्रद्धा भी होनी चाहिए। प्रधान जी बहुत बहुत ही सीधे - साधा तथा भोले - भाले स्वाभाव के व्यक्ति थे जिस के कारण उनके आस - पास के सभी लोग उन्हें बहुत मानते हैं। 

सूर्य मंदिर का निर्माण :-                     

ये बात बहुत दिन पहले की है जब सूर्य मंदिर नहीं बना था तब एक दिन रांची से टाटा ( जमशेदपुर ) जाने के क्रम में सीताराम मारू जी उस जगह एक होटल पर रुके तभी उनकी मुलाकात एदलहातु बुंडू के जमींदार प्रधान सिंह मुंडा जी से हुई । 

बातों - बातों के क्रम में प्रधान सिंह मुंडा ने सीताराम मारू जी से कहा कि वह अपने जमीन मंदिर के लिए दान में देना चाहते हैं। सीताराम मारु जी बोले बहुत अच्छी बात है कुछ उपाय लगाते हैं, तब कोई नहीं सोच सकते थे कि उस जगह पर इतना भव्य और विशाल मंदिर बनाया जा सकता है.15 एकड़ जमीन को ट्रस्ट के नाम दान कर  दिया गया। फिर सीताराम मारू जी के नेतृत्व में " संस्कृति विहार चैरिटेबल ट्रस्ट राँची " के द्वारा इस मंदिर को स्थापित किया गया। 

       मारवाड़ी लोगों पर एक लोकोक्ति ऐसा है :- 

         जहां न जाए गाड़ी, वहां जाए मारवाड़ी 

सूर्य मंदिर बुंडू को एक विशाल रथ के रूप में दर्शाया गया है जिसमें कुल 18 चक्के जो पुराणों के प्रतिक हैं और 7 घोड़े जो इंद्रा धनुष के रंगों के प्रतिक हैं । कहा जाता है की भगवान राम वनवास के समय इसी जगह पर भगवान सूर्य की उपासना किये थे। ऐसा प्रतीत होता है जैसे भगवान सूर्य अपने रथ पर सवार होकर बैठे हैं और सातों घोड़े रथ को खींच रहे हैं। मंदिर अंदर भगवान शिव माता पार्वती और भगवान गणेश जी की भी प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर की आधारशिला स्वामी श्री वासुदेवानंद सरस्वती के द्वारा 24 अक्टूबर 1991 को रखी गयी और मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा स्वामी श्री वामदेव जी महाराज के द्वारा 10 जुलाई 1994 को सम्पन हुई। 

 इस सुनसान स्थान पर इतना बड़ा मंदिर बनाना कोई आम बात नहीं था। इस मंदिर के चारों ओर एक घेरा लगाया हुआ है, घेरा के अंदर एक सुंदर छोटा सा मैदान मंदिर चारों ओर है यह मंदिर एक ऊंचे स्थान पर बना है जिसमें मंदिर तक पहुँचने के लिए सीढ़ी बनाया या हुआ है। 

इसके गुंबद के ऊपरी भाग पर एक विशाल मधुमक्खी छत्ता हर मौसम में देखने को मिलता है लेकिन इन मधुमक्खियों से आज तक किसी को भी कोई क्षति नहीं पहुंचाया है।   

सूर्य मंदिर की खास विशेषता क्या है ?

इस मंदिर की एक खास विशेषता यह है कि पूरे झारखंड का एक ऐसा मंदिर है जहां पर कोई भी जीव - जंतु की बलि नहीं चढ़ाई जाती है। इसके आस-पास हमेशा बहुत ही साफ-सुथरा और परिसर सुन्दर रहता है । सूर्य मंदिर के Under Ground में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर का ही एक छात्रावास (Hostel) स्थित है जिसमे छात्र निवास करते हैं ।

Surya Mandir Bundu-Ranchi Ki Shaan

जिसमें बहुत सारे बच्चे रहते हैं। इस मंदिर के चारों ओर बिल्कुल शांत माहौल है तथा बिल्कुल चारों ओर हरियाली - हरियाली है। इसके एक तरफ़ छोड़कर सब तरफ़ पहाड़ों से घिरा हुआ है तथा यह मंदिर बिल्कुल प्रकृति के क्षेत्र के बीच स्थापित है।

सूर्य मंदिर के पीछे तरफ़ एक विशाल तालाब है जिसे सूर्य सरोवर के नाम से जाना जाता है। जिसमें सालों भर पानी भरा रहता है यह तालाब बहुत ही सुंदर है। यह तालाब कभी नहीं सूखती है, सुर्य मन्दिर मेला के दिन इसी तालाब के पानी को अधिकतर लोग दुकान के लिए उपयोग करते हैं। छठ पर्व के दौरान इसी तालाब पर भगवान सूर्य की उपासना के लिए यहाँ दूर -दूर से लोग आते हैं।  

सुर्य मन्दिर मेला कब लगता है ?

सुर्य मंदिर पर हर वर्ष 25 जनवरी को विशाल टुसू मेला का आयोजन होता है , वैसे तो 26 जनवरी को भी लगता है लेकिन उतना बड़ा नहीं। इस मेला को देखने के लिए बहुत दूर - दूर से लोग आते हैं। पूरे पांचपरगना क्षेत्र के लोग इस मेला में इस मेला में ज़रूर आते हैं क्योंकि इस मेला में लोगों को बहुत सारे अपने उपयोग के सामान मिल जाता है।
मेला के अतिरिक्त यहां पर विभिन्न प्रकार के घर का सामान भी खरीद बिक्री होता है । जैसे कि - कढ़ाई, सिलपट्टा, तनो, दावली, टांगा, बइसला, फारसा, कंबल, बर्तन आदि बहुत सारे अपने बहुत सारे रोजमर्रा की ज़िंदगी में उपयोग होने वाले सामान मिलते हैं।    

Surya Mandir Bundu-Ranchi Ki Shaan
Surya Mandir Bundu | सूर्य मंदिर बुण्डू -Ranchi Ki Shaan

   इस मेला में मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के डांस , नाटक, भूत घर, झूला आदि लगाया हुआ रहता है। बच्चे इस मेला को जाने के लिए बड़ी ही उत्सुक रहते हैं, यहां पर विभिन्न प्रकार के दुकानें भी लगे हुए रहते हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के पकवान पाए जाते हैं । 

      सुर्य मंदिर मेला 25 जनवरी और 26 जनवरी दोनों दिन में देखने को मिलता है। यह मेला बहुत ही बड़ा होता है पुरे झारखंड का दूसरा नंबर में आता है। इस मेला में विभिन्न गांवों के लोग एक साथ मिलते - जुलते तथा नाचते - गाते हैं। बहुत कोई तो इस मेला के बहाने मेहमान घर भी आते हैं गुड़पीठा लेके। 

सुर्य मन्दिर मेला के अलावा यहां पर छठ मेला भी लगता है।

सूर्य मंदिर के ठीक सामने ही चारों ओर घने जंगल है तथा यह मंदिर उसी के बीच स्थित है। इसके पास ही एक बहुत ही बड़ा तालाब भी है जिसका नाम " सुर्य सरोवर " । इस तालाब में छठ महापर्व के शुभ अवसर पर बहुत से लोग यहां पर आकर सूर्य भगवान को अर्घ्य अर्पित करते हैं। 

छठ पूजा में भी यहां परकाफी भीड़ होती है। यहां पर बहुत सारे इलाके से श्रद्धालु आते हैं , रात्रि विश्राम के लिए भी यहां पर विश्राम गृह बनाया हुआ है। यहां का मौसम बिल्कुल शांत तथा बहुत ही मनोरम रहता है ।

 लोगों को भ्रमण के लिए विस्तृत जगह है और सब तरफ़ बिल्कुल साफ सुथरा है। जिसके चलते आए हुए श्रद्धालु को कोई दिक्कत नहीं होता है।

Surya Mandir Bundu-Ranchi Ki Shaan
Surya Mandir Bundu | सूर्य मंदिर बुण्डू -Ranchi Ki Shaan

सुर्य मंदिर परिसर में आने के बाद लोगों का मन बिल्कुल शांत हो जाता है.

सूर्य मंदिर, बुंडू के नजदीक होने के कारण बुंडू के लोग यहां पर बहुत ज्यादा आते हैं। शाम को विशेष भीड़ तो नहीं होती है, लेकिन जो आदमी भी यहां पर भ्रमण करने के लिए आता है उसका मन बिल्कुल शांत हो जाता है। जिसके चलते अगर किसी आदमी को बहुत सारा टेंशन हो तो वो इस जगह पर आके कुछ देर आराम से बैठ जाता है तो उसका सारा टेंशन दूर हो जाता है। 

यहां का प्राकृतिक वातावरण के बीच यह मंदिर लोगों के लिए काफी आरामदायक सिद्ध होती है ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में जो भी पूजा पाठ करते हैं उसका सारा रोग - दुःख दुर हो जाता है। इस मंदिर में किसी भी जीव - जंतु की बलि नहीं दी जाती है । 

भगवान सुर्य देव से यही प्रार्थना करना चाहिए कि "मुझे ज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले चलें " 

        इस मंदिर के बिल्कुल नजदीक कोई गांव नहीं है, नजदीक में कोई गांव नहीं होने के कारण Tourist को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है। यहां पर काफ़ी दूर-दराज से लोग आते हैं । 

सूर्य मंदिर कैसे पहुंचे ?

सूर्य मंदिर बहुत ही आसानी से पहुंचा जा सकता है क्योंकि ये रांची -जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग NH-33 के सामने ही प्रधान नगर एदलहातु , बुंडू, राँची में स्थित है। 

सड़क मार्ग से कैसे पहुंचे ?

  • रांची -जमशेदपुर राष्ट्रीय राजमार्ग NH-33 से 
  • राँची से दुरी - 42 Km 
  • जमशेदपुर से दुरी  - 86 Km 

 रेल मार्ग से कैसे पहुंचें ?

  • राँची स्टेशन से - 42 Km 
  • टाटानगर स्टेशन - 86 Km 

सूर्य मंदिर कब आयें ?

बसंत ऋतु तथा वर्षा ऋतु में इस जगह की सुंदरता चरम पर रहती है और देखने लायक रहती है क्योंकि बसंत ऋतु में मन्दिर के चारों ओर के पेड़ पौधे में नए - नए फूल - पत्ते दिखाई देती है जो इस मंदिर की सुंदरता में चार चाँद लगाती है। इसके बाद जब वर्षा ऋतु आता है तो उस समय भी यहां की सुंदरता देखने लायक होता है । आस - पास पहाड़ - नदी - झारने होने के कारण यहां पर कल - कल बहती नदियों - नालों तथा झर - झर गिरती हुई झारनों का आवाज मन को मोह लेती है।

 यहां का मौसम Tourism के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। यहां की वादियां दर्शकों के मन को मोह लेती है , क्योंकि यहाँ से पहाड़ों की सुंदरता दूर - दूर तक दिखाई देती है।  यहां पर लोग काफी फोटो शूट करने के लिए भी आते हैं क्योंकि यहां की खूबसूरत लोकेशन फ़ोटो शूट बहुत अच्छी है। 

यहां पर बहुत सारे फिल्मी गाने, नागपुरी गाने, खोरठा गाने, बंगाली गाने आदि की शूटिंग होती रहती है। इस तरह से फ़ैला हुआ प्राकृतिक छटा सुर्य मंदिर को चार चांद लगा देती है। सुर्य मंदिर परिसर पर एक बहुत ही विशाल भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति का काम जोरों से चल रहा है और बहुत ही जल्द बन जाएगा। 

सूर्य मंदिर जैसे पर्यटन स्थलों के नाम - 

 निष्कर्ष :- 

 आज इस Article में  हमने विस्तार से बताया की  - सूर्य मंदिर कहां पर स्थित है?, सूर्य मंदिर का निर्माण किसने कराया है?, सूर्य मंदिर की खास विशेषता क्या है ?, सुर्य मन्दिर मेला कब लगता है ?, सूर्य मंदिर कब आयें ? सूर्य मंदिर  के बारे में रोचक जानकारियाँ  तथा इसके अलावे अनेकों जानकारियां जो आपके लिए लाभदायक साबित होंगी। 

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Sudarshaan

मैं Sudarshan , YouTube Channels, Tech Ranchi और Ranchi Talk , Blogs Techranchi.in और Ranchirockers.in के Author और Founder । मेरी रूचि Technical World और मनोरंजन की दुनिया में है और जो भी Technical जानकारी है, उसे आप सभी के समक्ष Video और Blogs के रूप में लेकर आता रहता हूँ। facebook twitter instagram youtube blogger

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