प्राकृतिक सुंदरता और भव्यता के साथ रांची अच्छी तरह से वाकिफ है। हमेशा इसके चारों ओर शांत वातावरण रहता है। इस क्षेत्र में पर्यटकों को बहुत सारे जलप्रपात, झरने, डैम, घाटी तथा धार्मिक स्थल हैं, जो इन्हें आकर्षण प्रदान करते हैं। रांची की सबसे बड़ी खासियत यहां का मौसम बहुत ही सुन्दर सालों भर रहता है इसी के लिए रांची को " झारखंड का दिल (The Heart of Jharkhand)" कहा जाता है। साथ ही रांची को अक्सर " झरने का शहर (The City of Water Fall ) " भी कहा जाता है।
आज के इस Article में हम आपको झारखंड के एक प्रसिद्ध जलप्रपात के बारे में बताएंगे जिसका नाम है - Hundru Fall। Hundru Fall कहां है ?, Hundru Fall के पिछे क्या कहानी है ? Hundru Fall कितनी ऊंचाई से गिरती है ? तथा अनेक अन्य जानकारीयां आपके साथ साझा करेंगे।
हुंडरू जलप्रपात (Hundru Fall) कहाॅं पर स्थित है ?
हुंडरू जलप्रपात झारखंड राज्य के रांची जिले में स्थित एक बहुत बड़ा और सुंदर झरना है। यह भारत का 34 वां सबसे ऊंचा झरनों में से है। हुंडरू जलप्रपात स्वर्णरेखा नदी पर अवस्थित है। इस जलप्रपात में पानी 98 मीटर (322 फीट) की ऊंचाई से गिरती है। जो झारखंड राज्य के दूसरी सबसे अधिक ऊंचाई से गिरने वाली झरना है। सबसे अधिक ऊंचाई से गिरने वाली झरना लोध (बूढ़ा घाघ) जलप्रपात है जो कि लातेहार में स्थित है।
हुंडरू जलप्रपात झारखंड का सर्वाधिक प्रसिद्ध जलप्रपातों में से एक है। स्वर्णरेखा नदी की जलधारा से बनी इस प्राकृतिक झरने के अधिक ऊँचाई से गिरने का लाभ झारखंड राज्य को पनबिजली के रूप में पिछले 50 वर्षों से प्राप्त होता आ रहा है। यहां औसतन 100 Megawatt पनबिजली इस परियोजना से उत्पन्न होती है, जिसे सिकिदिरी प्रोजेक्ट्स ( Sikkidiri Projects) के नाम से भी जाना जाता है।
परन्तु यह बिजली जलराशि की प्रचुरता तक ही निर्मित हो पाती है । सालभर विद्युत उत्पादन की स्थिति शायद ही कभी बन पाती हो क्योंकि यहां साल भर वैसा पानी नहीं रहता है जिससे कि बिजली उत्पादन हो सके। हुंडरू जलप्रपात झारखंड राज्य में सर्वाधिक ऊँचाई से गिरने वाला दूसरा जलप्रपात है।
सुवर्णरेखा / स्वर्णरेखा नदी के पीछे का रहस्य क्या है ?
"सुवर्णरेखा" या "स्वर्णरेखा" जिसका अर्थ होता है "सोने की रेखा" । वह नदी जिसने विशाल Hundru Fall को जन्म दिया। पहले के लोग कहा करते थे कि इस नदी के तल में सोने के छोटे-छोटे कण मिलते थे जिसके कारण इस नदी का नाम सुवर्णरेखा / स्वर्णरेखा नदी पड़ा। पहले स्वर्णरेखा नदी के आस-पास के लोगों का इसी से जीवन-यापन चलता था।
लोगों को छोटे-छोटे महीन कण ढुंढने में दिन भर भी लग जाते थे या फिर किसी-किसी दिन तो खाली हाथ घर जाना पड़ता था। लेकिन एक ओर नदी में सोने के कणों की मौजूदगी के पीछे का रहस्य अभी भी अनसुलझा है क्योंकि भूवैज्ञानिकों का मानना है कि हमें अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
हुंडरू फॉल के नीचे जाने के लिए कितने सीढ़ियां उतरना पड़ता है ?
आप सीढ़ियों के सहारे Hundru Waterfall के बेहद ही करीब पहुंच सकते हैं। हुंडरू फॉल के नीचे उतरने के लिए 740 सिढ़ियां उतरना पड़ता है। उतरने के बाद आप 98 मीटर की ऊंचाई से गिरते पानी को आसानी से देख सकते हैं। इसके अद्भुत नजारे किसी के भी मन को मोहित कर लेता है। यहां आकर लगता है मानो हम यहां की सुंदरता में कहीं खो गए हैं।
बेहद ऊपर से गिरती नदी की लहरों की फुहारें जब आपके ऊपर पड़ती है तब एक सुखद अनुभूति होती है। लगता है जैसे कि हम स्वर्ग की सैर कर रहे हो। लगभग 100 मीटर गहरी खाई से ऊपर की ओर देखने से लगता है जैसे हम पूरे पाताल लोक में हैं और स्वर्ग से गंगा बह रही हो। यह नजारा मंत्रमुग्ध करने वाला होता है।
कलकल बहती नदी की धारा हमें यह बताती है कि हम से बढ़कर कोई संगीतकार नहीं, और ऊंचाई से गिरती पानी की धारा हमें बताती है कि प्रकृति से बढ़कर कोई कलाकार नहीं।
इस अद्भुत छटा को जो भी एक बार देखा वो भाव विभोर हो गया और जो ना देख पाया वो अफसोस करता रह गया।
हुंडरू फॉल जाने के लिए सबसे अच्छा समय कौन-सा है ?
हुंडरू फॉल जाने के लिए सबसे अच्छा समय October से January तक का है। इस समय यहां पर पानी भरा हुआ रहता है जिसे देखने से अलग ही सुकून मिलता है। पिकनिक जाने का सबसे अच्छा समय December से February तक रहता है क्योंकि इस समय ठंडा-गरम दोनों तरह का मौसम रहता है। यहां पिकनिक तथा छुट्टियां मनाने वालों की काफ़ी भीड़ होती है। हर साल जनवरी में मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर एक यहां एक बड़ा मेला लगता है।
कैसे पहुंचे Hundru Waterfall ?
झारखंड की राजधानी राँची से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित हुंडरू जलप्रपात के लिये एक बहुत ही अच्छी सड़क है, जहाँ Ranchi-Patna Highway के तरफ़ से आकर भी पहुँचा जा सकता है। Highway पर स्थित राँची ज़िले के ओरमाँझी ब्लॉक चौक से 24 Km पूर्व दिशा की ओर जाने वाली पक्की सड़क से सिकिदिरी लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है।
जहाँ से हुंडरू जलप्रपात तक पहुँचने के लिये सुन्दर-सुंदर पहाड़ियों के अंचल के बीचों - बीच में लगभग 7 से 8 किलोमीटर आगे सर्पीले मार्ग से जाना पड़ता है। आप रांची के कांटाटोली, नामकुम, टाटीसिल्वे होते हुए अनगड़ा थाना से बायीं ओर होते हुए आते हैं, तो गेतलसूद होकर आप हुंडरू फॉल आसानी से पहुंच सकते हैं।
सैलानी झरने के उद्गम तथा नीचे की तलहटी, दोनों तरफ़ से झरने की गिरती स्वच्छ-धवल जलधारा देखने का आनन्द उठा सकते हैं। यहां पर रात्रि विश्राम की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। अत: आपको सलाह दी जाती है कि समय रहते राँची शहर या अपने गन्तव्य के लिये प्रस्थान कर जाएं।
By Air ✈️:-
- Nearest Airport - Ranchi Airport
हुंडरू जलप्रपात से निकटतम हवाई अड्डा बिरसा मुंडा हवाई अड्डा रांची है, दूरी लगभग 55 Km है।
By Train🚉 :-
- Nearest Railway Station - Ranchi, Muri, Namkum, Ramgarh & Hatia Railway Station
रांची रेलवे स्टेशन से लगभग 45 Km की दुरी पर हुंडरू जलप्रपात है, मुरी से 42Km, नामकुम से 40 Km तथा हटिया से 57 Km है।
By Bus 🚌:-
- Nearest Bus Stand - Ranchi & Ramgarh Bus Stand
रांची बस स्टैंड से लगभग 42 KM तथा रामगढ़ से 45 Km है।
Hundru Fall जैसे पर्यटन स्थलों के नाम -
- सीता जलप्रपात/ Sita Falls / Sita Falls
- जोन्हा फॉल / Jonha Falls
- हुंडरू जलप्रपात /Hundru Fall
- पेरवा घाघ जलप्रपात /Perwa Ghagh Fall
- दशम जलप्रपात /Dasham Fall
- सूर्य मंदिर / Surya Mandir
- दिउड़ी मंदिर / Dewri Mandir
- बिरसा जैविक उद्यान / Bhagwan Birsa Biological Park
निष्कर्ष :-
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Nice info Bro
ReplyDeleteThanks
DeleteGood 👍 🦸♂️
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