भारत देश के झारखण्ड प्रदेश प्राकृतिक दृष्टि तथा खनिज संपदा से धनी राज्य है। यहां पर आपको तरह तरह के पहाड़ - पर्वतों, नदी - नालों, जंगल - झाड़ों , खान - कारखानों, झील - झरनों, बांध - डैमों आदि से भरे हुए दिखाई पड़ेंगे।
Tilaiya Dam । Jhumri Tilaiya - Kodarma Ki Shaan |
इन सारी चीज़ों को देखने के बाद आपका मन तृप्त और खुश हो जाएगा , आपको लगेगा कि मानों मैं कहीं किसी अन्य प्रदेश में आ गया हूं। लेकिन आपको विश्वास करना होगा कि ये हमारा ही प्यारा राज्य झारखंड है , जो कि काफ़ी सुन्दर है।
जोहार दोस्तों ! तो चलिए आज के इस सुंदर Article के माध्यम से हम आपको बताते हैं :- तिलैया डैम कहां पर स्थित है ?, तिलैया डैम कब बना था ?, तिलैया डैम तक कैसे पहुंचे ? आदि जानकारियां साझा करेंगे जो आपके लिए जानने योग्य हैं।
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तिलैया डैम (Tilaiya Dam) कहां पर स्थित है ?
झारखंड राज्य के कोडरमा जिले के चंदवारा प्रखंड के कांटी - बड़की धमराय में बाराकर नदी पर तिलैया बांध (डैम) का निर्माण किया गया है। तिलैया बांध उन 4 बहुउद्देश्यीय बांधों (Multi-Purpose Dams) में से एक था जिन्हें दामोदर घाटी निगम (Damodar Valley Corporation - DVC) में शामिल किया गया था।
तिलैया डैम (Tilaiya Dam) का निर्माण कब हुआ था ?
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तिलैया डैम भारत का पहला बांध है जिसका निर्माण भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हुआ, तिलैया डैम का उद्घाटन 21 फ़रवरी 1953 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा गया था। इस बांध की लम्बाई 1200 फीट तथा ऊंचाई 99 फीट है, प्रसार 36 वर्ग किलोमीटर में है।
इस बांध का देख - रेख दामोदर घाटी निगम (Damodar Valley Corporation - DVC) करता है। आज यह झारखंड की एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट के रूप में जाना जाता है।
दामोदर घाटी निगम (DVC) का स्थापना किस वर्ष हुई ?
7 जुलाई 1948 को दामोदर घाटी निगम (Damodar Valley Corporation - DVC) की स्थापना हुई थी। DVC आज देश की अग्रणी बिजली उत्पादन कंपनी बन गई है। यहां पन बिजली के साथ-साथ ताप बिजली का भी उत्पादन होता है।
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भारत के संविधान सभा के एक अधिनियम के द्वारा कार्य करना शुरू किया। दामोदर घाटी में बांध के निर्माण की परियोजना भारत सरकार, पश्चिम बंगाल और बिहार सरकार के बीच का संयुक्त उपक्रम था।
दामोदर घाटी के लाभान्वित क्षेत्रों में झारखंड के हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद और बोकारो जिले शामिल हैं और पश्चिम बंगाल के बर्धमान और हुगली जिला शामिल हैं।
दामोदर घाटी परियोजना में वर्तमान में 3 थर्मल पावर स्टेशन, 3 हाइडल पावर स्टेशन तथा 1 गैस टरबाइन स्टेशन कार्यरत हैं । 3 थर्मल पावर हाउस इन जगहों पर दुर्गापुर, बोकारो और चंद्रपुर जिले में स्थित हैं।
3 हाइडल स्टेशनों को तिलैया डैम, मैथन डैम और पंचत डैम में 1 गैस टर्बाइन इकाई स्थापित किया गया है। दामोदर नदी पर चार बहुउद्देशीय बांध 1948 से 1959 के दौरान किया गया था ।
दामोदर नदी पर चार बहुउद्देशीय बांध -
- तिलैया बांध:- तिलैया बांध इस परियोजना में ही शामिल है जिसका निर्माण बराकर नदी पर किया गया । बराकर नदी जो दामोदर नदी की मुख्य सहायक नदी है। यह बांध 30 मीटर ऊंचाई और 366 मीटर लंबा क्षेत्र में प्रसारित है।
- कोनार बाँध:- कोनार बाँध इस परियोजना में ही शामिल है जिसका निर्माण बराकर नदी पर किया गया । जो दामोदर नदी की एक सहायक नदी कोनार नदी के पार हजारीबाग में स्थित है। यह बांध ऊंचाई 49 मीटर और लंबाई 3548 मीटर क्षेत्र में प्रसारित है।
- मैथन डैम:- मैथन डैम भी क्षेत्र में प्रसारित है। इस बांध का उद्देश्य बाढ़ को नियंत्रित करना है। यह ऊंचाई में 94 मीटर और लंबाई में 144 मीटर है।
- पंचैत हिल डैम:-पंचैत बांध जो दामोदर घाटी परियोजना का एक हिस्सा है, पंचैत हिल डैम । इस बांध की लंबाई 2545 मीटर और ऊंचाई 45 मीटर है। पंचैत हिल डैम धनबाद में दामोदर नदी पर बनाया गया है।
पिछले सात दशक से अधिक समय से देश में ऊर्जा (बिजली) के क्षेत्र में दामोदर घाटी निगम (DVC) महत्वपूर्ण योगदान निभाते आ रहा है।
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देश की आजादी के एक वर्ष बाद सन् 1948 से ही बहुउद्देशीय उद्देश्य के साथ बिजली, पानी, और रोजगार से बहुत सारे लोगों को रोज़गार दिया हुआ है।
तिलैया डैम (Tilaiya Dam) के बारे विस्तार से चर्चा :-
तिलैया डैम (Tilaiya Dam) की लंबाई और ऊंचाई कितनी है ?
तिलैया बांध (डैम) की कुल लंबाई 1201 फीट (367 m) और ऊंचाई 99.3 फीट (30.28 m) है। यह डैम की कुल 984 वर्ग किलोमीटर (380 वर्ग मील) के जल ग्रहण क्षेत्र में फ़ैला हुआ है, जिसमें मुख्य रुप से वन, चरागाह, खेती योग्य भूमि और बेकार भूमि भी शामिल हैं।
तिलैया डैम (Tilaiya Dam) की मुख्य उद्देश्य क्या है ?
तिलैया डैम (बांध) का मुख्य उद्देश्य था बाढ़ को नियंत्रित करना और साथ ही साथ ये हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन (Hydro-Electric Power Station) से लगभग 4 मेगावाट (MW) बिजली का उत्पादन करना ।
बाराकर नदी (Barakar River) कहां से निकलती है ?
झारखंड के हजारीबाग जिले में पद्मा के निकट बराकर नदी का उद्गम स्थल है। यह पश्चिम बंगाल के आसनसोल बशरमन जिले के दशरगढ़ के पास दामोदर नदी में मिलती है ।
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इससे पहले छोटानागपुर पठार के उत्तरी भाग में 225 किलोमीटर तक बहती है। इस नदी का 6159 वर्ग किलोमीटर का जल ग्रहण क्षेत्र है।
इस क्षेत्र की वार्षिक वर्षा लगभग 127 सेंटीमीटर है। बाराकर नदी पूर्वी भारत में दामोदर नदी (Damodar River) के मुख्य सहायक नदीयों में से एक है।
बाराकर नदी (Barakar River) की सहायक नदियां कौन - कौन सी हैं ?
इस नदी की मुख्य सहायक नदियां बारसोती जो दक्षिण और उसरी जो उत्तर की ओर से बहती है। 2 मुख्य सहायक नदियों के अलावा 15 मध्यम या छोटी नदी - नाला इसमें शामिल होती हैं। जो बारकार नदी की एक विशाल स्वरूप प्रदान करती है।
तिलैया बांध नदी के तल से 30.28 मीटर की ऊंचाई वाला एक ठोस गुरुत्वाकर्षण बांध (Solid Gravitational Pond) है, जो काफ़ी मजबूत और टिकाऊ है।
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बाराकर नदी पारसनाथ पहाड़ियों के उत्तरी भाग में समुद्र तल से लगभग 4430 फीट (350 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है।
तिलैया डैम (Tilaiya Dam) की बिजली उत्पादन क्षमता कितनी है ?
तिलैया बांध की बिजली उत्पादन क्षमता 2×2 मेगावाट यानि 4 MW है।
कहा जाता है कि पहली बार दामोदर नदी पर सन् 1730 ई. में आई भयंकर बाढ़ से झारखंड एवं पश्चिम बंगाल में काफी जान-माल की क्षति हुई थी। उसके बाद सन् 1943 में दामोदर नदी के तेज़ प्रवाह ने ऐसा प्रलय मचा दिया कि पश्चिम बंगाल के इतिहास में इसे "काला अध्याय (Black Chapter)" माना जाता है।
तब दामोदर नदी के पानी से हजारों लोगों तथा हजारों - लाखों जीव - जंतु की मौत हुई. लाखों लोग बेघर हो गए थे। इसे देखते हुए पश्चिम बंगाल (West Bengal) के तत्कालीन राज्यपाल ने बर्दवान के महाराज व भौतिक वैज्ञानी मेघनाद साहा के नेतृत्व में एक बहुत ही मज़बूत जांच टीम गठित की थी।
उसमें यह तय किया गया कि संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America - USA) के टेनेसी घाटी प्राधिकरण (Tennessee Valley Authority - TVA) की तर्ज पर दामोदर नदी तथा इसके सहायक नदियों पर भी बांध बनाकर इसके प्रलयंकारी प्रवाह को रोका जा सकता है। साथ ही कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की जा सकती है, जिससे काफ़ी लोगों को रोज़गार मिल सकता है।
उसके लिए अमेरिका से टेनेसी घाटी प्राधिकरण (TVA) के वरिष्ठ अभियंता (Main Engineer) डब्ल्यू. एल. बुरदईन ( W. L. Burdeen) को भारत बुलाया गया और दामोदर नदी की वस्तुस्थिति (Facts) को दिखलाया गया।
इसके बाद सन् 1944 में W. L. Burdeen ने दामोदर नदी पर एकीकृत दामोदर घाटी निगम (DVC) के साथ सिंचाई के अलावा बहुउद्देशीय परियोजना (Multi Purpose Scheme) के रूप में स्थापना करने का सुझाव दिया।
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उनके परामर्श पर ही दामोदर घाटी निगम (DVC) की स्थापना का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया जिसके बाद बिहार ,पश्चिम बंगाल व केंद्र सरकार ने मिलकर योजना बनाई तब जाकर आखिर 7 जुलाई 1948 को दामोदर घाटी निगम (DVC) की स्थापना हुई ।
जबकि W. L. Burdeen ने 8 बांधों और 1 बैराज के निर्माण की परिकल्पना की थी लेकिन बाद में तिलैया डैम, कोनार डैम, मैथन डैम और पंचेत डैम तथा दुर्गापुर बैराज में केवल 4 बांध बनाने का निर्णय लिया गया।
दामोदर घाटी निगम (DVC) के चार बहुउद्देशीय डैम इस प्रकार से है :-
- "तिलैया डैम (Tilaiya Dam)" जो कि कोडरमा जिले के बाराकर नदी पर बनाया गया और सन् 1953 में इसका उद्घाटन किया गया।
- "कोनार डैम (Konar Dam)" जो कि हजारीबाग और बोकारो जिले के कोनार नदी पर बनाया गया और सन् 1955 में इसका उद्घाटन किया गया।
- "मैथन डैम (Maithan Dam)" जो कि धनबाद जिले के बाराकर नदी में ही बनाया गया और सन् 1957 में इसका उद्घाटन किया गया।
- "पंचेत डैम (Panchet Dam)" जो कि धनबाद जिले के दामोदर नदी में बनाया गया और सन् 1959 में इसका उद्घाटन किया गया।
तिलैया डैम (Tilaiya Dam) कैसे पहुंचे ?
तिलैया बांध तक आप बिलकुल आसानी से पहुंच सकते हैं क्योंकि यह ग्रांड ट्रंक रोड (G.T. Road) डैम से होकर गुजरता है। यह कोडरमा पूर्वी रेलवे का रेलवे स्टेशन है और कोडरमा रेलवे स्टेशन से तिलैया बांध की दूरी महज़ 18 किलोमीटर है।
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ये डैम बरही से पटना-रांची रोड पर करीब 17 किलोमीटर और पटना से 194 किलोमीटर तथा रांची से 147 किलोमीटर दूर पर स्थित है।
पटना - रांची का मुख्य मार्ग तथा रेलवे ब्रिज जलाशय के सामने इसी नदी और पहाड़ियों से होकर गुजरता है, जो बहुत ही मनोरम और सुंदर है। सुंदर परिवेश पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक सुंदर पिकनिक स्थल के रूप में आकर्षण का केंद्र है।
By Air ✈️:-
Nearest Airport -
- Birsa Munda International Airport, Ranchi - 151 Kilometres (3 hr 22 min)
- Jayprakash Narayan International Airport, Patna - 193 Kilometres (5 hr 10 min)
By Train🚉 :-
Nearest Railway Station -
- Jhumri Tilaiya Railway Station, Kodarma - 17 Kilometres
- Ranchi Railway Station, Ranchi - 147 Kilometres
By Bus 🚌:-
Nearest Bus Stand -
- Jhumri Tilaiya Bus Stand, Kodarma - 17 kilometres
- Khadgada (Kantatoli) Bus Stand, Ranchi - 145 kilometres
तिलैया डैम (Tilaiya Dam) में आने से कहां ठहरें ?
अगर कभी आप तिलैया डैम आते हैं तो आपको बता दें कि यहाँपर रहने यानि रात में ठहरने का कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है इसीलिए आप शाम से पहले ही यहां से निकलने की कोशिश करें ।
डैम के सामने कांटी - बड़की धमराय गांव है जिसमें आपको आपको दिन का खाना तो मिल जाएगा, लेकिन रात का नहीं। रात्रि विश्राम के लिए झुमरी तिलैया जाना पड़ेगा। वहां पर आपको अपने बजट के अनुसार रूम या होटल मिल जाएगा।
तिलैया डैम (Tilaiya Dam) की क्या - क्या खामियां हैं ?
यहां पर पर्यटकों के लिए झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के पर्यटन विभाग Jharkhand Tourism Development Corporation (JTDC) की योजना के अनुसार, तिलैया डैम (Tilaiya Dam) को बहुत सारी सुविधाओं की ज़रूरत है।
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जैसे यहां पर एक KIOSK, Restaurants, Guests House, Toilet, Fast Food Stalls, Park, Light House & Watch Tower (View Point) लगना चाहिए।
अभी तक तिलैया डैम (Tilaiya Dam) को सुंदर तरीके से सजाया नहीं गया है जबकि अन्य डैमों को बड़ी ही अच्छे तरीके से सजाया गया है।
जैसे कि इसके तोरणद्वार (Welcome Gate), View Point, उठने - बैठने के लिए मेज - कुर्सी, तथा बच्चों के लिए झूला भी लगाया जा सकता है ताकि इस जगह पर अधिक से अधिक पर्यटक आएं।
इस क्षेत्र में अन्य दर्शनीय स्थलों की यात्रा भी करें :-
हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर हाउस (Hydro - Electric Power House), पहाड़ी हिरण पार्क पर टेरेस गार्डन ( नेहरू उद्यान) और तैराकी (बोट, स्टीमर तथा नाव) सुविधाओं के साथ एक पिकनिक द्वीप (Picnic Island 🏝️) है, जो केवल मोटर नौकाओं द्वारा पहुंचा जा सकता है जो बांध के पास किराए पर हमेशा से उपलब्ध रहते हैं।
तिलैया डैम (Tilaiya Dam) जैसे पर्यटन स्थलों के नाम -
- सीता जलप्रपात/ Sita Falls / Sita Falls
- जोन्हा फॉल / Jonha Falls
- हुंडरू जलप्रपात /Hundru Fall
- पेरवा घाघ जलप्रपात /Perwa Ghagh Fall
- दशम जलप्रपात /Dasham Fall
- सूर्य मंदिर / Surya Mandir
- दिउड़ी मंदिर / Dewri Mandir
- बिरसा जैविक उद्यान / Bhagwan Birsa Biological Park
- मां छिन्नमस्तिका मंदिर | Maa Chhinamastika Temple
- पारसनाथ की पहाड़ी / Parasnath Hill
- पंचघाघ फॉल / Panchghagh Fall
निष्कर्ष :-
आज इस Article के माध्यम से हमने आपको विस्तार से बताया - तिलैया डैम कहां पर स्थित है ?, तिलैया डैम कब बना था ?, तिलैया डैम तक कैसे पहुंचे ? आदि जानकारियां साझा करेंगे जो आपके लिए जानने योग्य हैं।
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