Netarhat - Queen of Chhotanagpur :- हमलोग जैसे ही किसी पहाड़ी पर्यटन स्थलों का नाम लेते हैं तो हमारे जेहान में "शिमला और मनाली" का नाम आ ही जाता है। लेकिन हमारे झारखंड में भी एक ऐसी पहाड़ी पर्यटन स्थल है जिसे आप देखेंगे तो बाकि पर्यटन स्थलों (Tourists Place) भुल जाएंगे। वह है :-नेतरहाट - छोटानागपुर की रानी ( Netarhat - Queen of Chhotanagpur ).
हम बात कर रहे हैं झारखंड (छोटानागपुर) के लातेहार जिले के खूबसूरत वादियों में बसा "नेतरहाट / Netrahat " के बारे में। जिसे लोग प्राकृतिक सुंदरता के कारण "पहाड़ों की मल्लिका (Queen of Mountains)" तथा "छोटानागपुर की रानी (Queen of Chhotanagpur)" भी कहते हैं।
दोस्तों चलिए आज के इस Article में हम जानेंगे कि :-
- नेतरहाट कहां स्थित है ?
- नेतरहाट का इतिहास क्या है ?
- नेतरहाट कैसे पहुंचे ?
- नेतरहाट का मौसम कैसा रहता है ?
- नेतरहाट के सामने कौन सा पर्यटन स्थल है ?
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नेतरहाट कहां स्थित है ? (Where is Located Netarhat ?)
नेतरहाट, झारखंड (छोटानागपुर पठार) के लातेहार जिला में स्थित है।
नेतरहाट कैसे पहुंचे ? (How to Reach Netarhat ?)
रांची - घाघरा रोड से आप आसानी से नेतरहाट पहुंच सकते हैं । मैदानी इलाकों से होते हुए नेतरहाट पहुंचना मस्ती का हिस्सा है। नेतरहाट की खड़ी - खड़ी पहाड़ियाँ उसमें से ज्यादातर साल, पलाश, केंदु, नीलगिरी, चीड़, नाशपाती और महुआ के पेड़ों से आच्छादित हैं।
खड़ी पहाड़ी सड़क (घाटी वाली सड़क) जंगलों के बीचों - बीच है जो काफ़ी तीखे मोड़ों से गुजरती है। फिर एक जगह जहां पर सरू और देवदार के पेड़ों के बीच 3,696 फीट (1,250 मीटर) की ऊंचाई पर नेतरहाट स्थित है। एक विशाल स्वागत द्वार नेतरहाट में आपका स्वागत करता है।
नेतरहाट का इतिहास क्या है ? (History of Netarhat ?)
भारत देश के झारखण्ड राज्य के लातेहार जिले में दक्षिण-पूर्व दिशा स्थित नेतरहाट जिसे प्रकृति भी फुरसत से संवारा है। पहाड़ियों, जंगलों और पहाड़ी झरनों से घिरा नेतरहाट काफ़ी आकर्षक है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा है कि लोगों को नेतरहाट की वादियां बिलकुल धरती पर स्वर्ग होने का एहसास दिलाती हैं।
"जो कोई भी यहां पर एक बार चला जाए, उसे बार - बार जाने का जी ललचाए ।"
जो भी नेतरहाट जाता है, वो जिदंगी भर नहीं भूल पाता है। यही कारण है कि यहां पर आए ब्रिटिश अधिकारियों का ये स्थान काफ़ी पसंदीदा था। ये स्थान बहुत ही सुन्दर तथा आरामदायक है जिसके चलते अंग्रेज लोग यहां ठहरना पसंद करते थे। यही लोग इसे Hill Station का नाम दिया था।
समुद्री तट से नेतरहाट की ऊंचाई 3,696 फीट (1,250 मीटर) है। ये पहाड़ी क्षेत्र है जिसके चलते इस इलाके में बहुत सारे Waterfalls हैं तथा अधिकतर हिस्से में घने जंगलों का फैलाव है। इस घने जंगल में मिलने वाले कुछ प्रमुख वृक्ष हैं - सागवान, सखुआ, पलाश, महुआ और बांस।
नेतरहाट का अर्थ -
स्थानीय भाषा में नेतरहाट का मतलब होता है "बांस का बाजार (Market of Bamboo)"। इस इलाके के ग्रामीण बुजुर्ग बताते हैं कि बांस की अधिकता के कारण इस स्थान का नाम नेतरहाट पड़ा।
नेतरहाट के कुछ ख़ास स्थान -
- नेतरहाट आवासीय विद्यालय
- मैग्नोलिया प्वाइंट / सनसेट प्वाइंट (Sunset 🌄 Point)
- सनराइज प्वाइंट (Sunrise 🌅 Point)
- कोयल दृश्य बिंदु (Koyal View Point)
- नासपाती बागान
- देवदार एवं चीड़ के जंगल
- शैले हाउस (Shaile House)
- लोध फॉल / बूढ़ा घाघ जलप्रपात
- नीचे घघरी जलप्रपात (Lower Ghaghri Fall)
- ऊपर घघरी जलप्रपात (Upper Ghaghri Fall)
- सदानी फॉल्स (Sadani Fall)
- सुरकाई घाघरी जलप्रपात (Surkai Ghaghri Fall)
- पलामू बंगला आदि स्थानों की सुंदरता तो नेतरहाट की खुबसूरती में चार चांद लगा देती है।
पहाड़ों की ऊंची-ऊंची चोटियां तथा खाईयों से यहां की सुंदरता देखते ही बनती है। यहां की वादियां में चलने वाली ठंडी - ठंडी सुवाहनी हवाएं मन को शांत एवं सुकून दिलाती हैं।
झारखंड की शान है नेतरहाट आवासीय विद्यालय -
नेतरहाट आवासीय विद्यालय (Netarhat Residential School) को झारखंड की शान माना जाता है। ये विद्यालय अपने स्थापना काल से ही, पहले तो बिहार राज्य में और अब झारखंड राज्य में बोर्ड की परीक्षा (Board Exam) में प्रथम दस स्थान पाने वाले अधिकांश विद्यार्थी इसी विद्यालय से आते रहे हैं।
बोर्ड की परीक्षा (Board Exam) के अलावा इस विद्यालय के विद्यार्थी राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड (National Mathematics Champion) , राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (National आदि परिक्षाओं में भी हमेशा आगे ही रहते हैं।
इस विद्यालय की स्थापना सन् 1954 ई. में हुई थी। राज्य सरकार द्वारा स्थापित और गुरुकुल की तर्ज पर बने इस स्कूल में अभी भी प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर ही प्रवेश मिलता है। यहां 10-12 आयु वर्ग के बच्चों को ही प्रवेश दिया जाता है और लड़कों को उच्चतर माध्यमिक परीक्षा के लिए तैयार किया जाता है। यहां Class 6 & 9 में ही बच्चों को Admission लिया जाता है।
मैग्नोलिया प्वाइंट (Magnolia Point) -
मैग्नोलिया प्वाइंट (Magnolia Point) जो कि सूर्यास्त (Sunset 🌄) के खूबसूरत नज़ारों के लिए जाना जाता है। कोहरे से सूर्योदय (Sunrise ⛅) भले ही बाधित हो लेकिन यहां का सूर्यास्त देखने लायक होता है।
इस खूबसूरत जगह से आप ढलते हुए सूरज के आकर्षक दृश्य को देख सकते हैं। यहां पर जब आप ढलते हुए सूरज को देखेंगे तो पूरा आसमान नारंगी रंग का दिखाई देता है जो देखने में काफ़ी सुन्दर लगता है। इस जगह से आप ढलते हुए सूर्य को देखेंगे तो ऐसा लगेगा जैसे कि सूर्य इसी जगह नीचे घुस गया।
स्थानीय प्रशासन ने मैगनोलिया प्वाइंट को अच्छे से सजाया है जहाँ से आप सूर्यास्त का बेहतरीन नज़ारा देख सकते हैं। यदि आप इस जगह जल्दी पहुंचते हैं तो आप कुछ समय उस दृश्य बिंदु (View Point) पर बिता सकते हैं जहाँ से कोयल नदी को नीचे की हरी-भरी पहाड़ियों से गुजरते हुए देख सकते हैं।
मैग्नोलिया प्वाइंट का इतिहास / मैग्नोलिया प्वाइंट का नामकरण कैसे हुआ ?
अंग्रेज ऑफिसर की बेटी (मैग्नोलिया) व चरवाहे की अधूरी प्रेम कहानी -
स्थानीय कथाओं के अनुसार नेतारहाट का मौसम गर्मी के दिनों में इतना अच्छा रहता है जैसे हम किसी ठंडे परदेश में हों, जिसके कारण अंग्रेज ऑफिसर लोग अपने पूरे परिवार के साथ इस जगह पर छुट्टियां मनाने आते थे। कुछ ऑफिसर तो यहीं पर रहने लग गए थे।
यहां पर एक अंग्रेज ऑफिसर (ब्रिटिश अधिकारी) की बेटी थी जिसका नाम था मैग्नोलिया और नेतरहाट गांव में ही एक चरवाहा था जिसका नाम था । मैग्नोलिया का नेतरहाट के चरवाहे के साथ मोहब्बत (Love) हो जाता है।
चरवाहा Sunset Point 🌄 के आस - पास प्रतिदिन अपने मवेशियों को चराया करता था। मवेशी चराने के दौरान वह एक ऊंचा पत्थर पर बैठ जाता था और इसके बाद वह बांसुरी बजाता था। बांसुरी का आवाज़ इतनी सुरीली होती थी कि जो भी एक बार इसे सुन ले वो आवाज़ की ओर खींचा चला आता।
चरवाहे की बांसुरी के मधुर आवाज ने मैग्नोलिया के दिल को छू लिया। मैग्नोलिया मन ही मन वह बांसुरी बजाने वाले से प्रेम करने लगी। वह उसके प्यार में पागल सी हो गई, उससे मिलने के लिए बेकरार हो गई। मैग्नोलिया उसके बांसुरी का आवाज़ को सुनने के लिए अपने घोड़ा में बैठी और उस आवाज़ की ओर चल पड़ी तो ठीक सनसेट प्वाइंट के पास वो दिख गया। तो वे अपने घोड़ा से उतरी और उसके पास जाकर बैठकर बांसुरी की मधुर आवाज़ को सुनने लगी। इस तरह से हर रोज यहां पर चरवाहा उसे बांसुरी बजा कर सुनाता था।
उन दोनों का हर रोज इस तरह मिलना - जुलना धीरे - धीरे प्यार में बदल गया और दोनों दिलों - जान से एक - दुसरे से प्यार करने लगे। मैग्नोलिया हर रोज भागकर उसके प्रेमी से मिलने के आया करती थी और दोनों घंटों - घंटों एक - दुसरे से बातचीत किया करते ।
कुछ दिनों बाद इसकी जानकारी मैग्नोलिया के पिता अंग्रेज ऑफिसर को मिली कि उनकी बेटी हर रोज उस चरवाहे से मिलने के लिए जाती है। तब उन्होंने चरवाहे को अपनी बेटी से दूर जाने को कहा लेकिन प्यार में डूबे उस चरवाहे ने दूर जाने से मना कर दिया। फिर वे अपनी बेटी को भी चारवाहे के साथ मिलने से माना किया लेकिन उसकी बेटी भी नहीं मानने लगी ।
इतना बोलने के वाबजूद भी दोनों एक - दूसरे से मिलना नहीं छोड़ा तो गुस्से में आकर अंग्रेज अधिकारी ने उस चरवाहे की हत्या करवा दी। जब इसकी जानकारी मैग्नोलिया को हुई तब वह गुस्से से आग बबूला हो गई , इसके बाद वह अपने घोड़े के साथ उसी Sunset Point 🌄 के पास पहुंची और अपने घोड़ा सहित पहाड़ से कूद कर अपनी जान दे दी।
Sunset Point 🌄 में वह पत्थर आज भी मौजूद है, जहां पर बैठकर चरवाहा बांसुरी बजाता था और मैग्नोलिया उस के पास बैठकर बांसुरी की मधुर धुन को सुना करती थी। इसी जगह पर मैग्नोलिया व चरवाहे की प्रतिमा स्थापित है, जो दोनों की प्रेम कहानी (Love ❤️ Story) की गवाही देती है। साथ ही इन दोनों के प्रतिमा के कुछ दूरी पर मैग्नोलिया के घोड़े की प्रतिमा भी बनाया गया है।
सनराइज प्वाइंट (Sunrise 🌅 Point) -
हमलोगों में से कुछ ने भगवान हनुमान के बारे में एक लोकप्रिय कहानी (popular Story) तो सुनी ही होगी कि उन्होंने एक बार सूर्य को कोई एक सुंदर गोल फल समझकर निगल लिया था। लोगों का ऐसा मानना है कि जिस जगह उन्होंने सूरज को खाया यानी आपने मुंह में निगल लिया वह जगह कोई दूसरा नहीं बल्कि नेतरहाट ही था।
भगवान वीर हनुमान का जन्म हमारे झारखंड के गुमला जिले के अंजन गांव में हुआ था, जिसे आजकल अंजनी धाम के नाम से प्रसिद्ध है। इसके चलते लोगों को पुरा विश्वास हो जाता है कि नेतरहाट ही वो जगह है जहां पर ऐसा हुआ था।
तो यह कहने की कोई जरूरत ही नहीं है कि नेतरहाट में सूर्योदय (Sunrise 🌅) और सूर्यास्त (Sunset 🌄) कितना सुंदर होता है, यहां पर ख़ुद भगवान भी अचंभित हो जाते थे। नेतरहाट में सूर्योदय देखने के लिए सूर्योदय बिंदु (Sunrise 🌅 Point) सबसे अच्छा है।
कोयल दृश्य बिंदु (Koyal View Point) -
शांति प्रेमियों (Silent Lover's) के लिए कोयल दृश्य बिंदु (Koyal View Point) एक बहुत ही अच्छा जगह है। शहरों की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी से दूर यहां के हरे-भरे घने जंगल से बहती हुई शांत कोयल नदी (Koyal River) का शानदार नजारा को देख सकते हैं।
नाशपाती के बाग -
नाशपाती के बाग तो मानो नेतरहाट का शान है, इस जगह का नाशपाती खाने में काफ़ी मीठा होता है। इस जगह आने के बाद आप बिलकुल फ्री में नाशपाती खा सकते हैं । हां , अगर आप पैसा देने में सक्षम हैं तो यहां के किसानों तथा इसके देख-रेख करने वाले को आप इस फल का मूल्य अवश्य चुका दें।
देवदार एवं चीड़ के जंगल -
देवदार एवं चीड़ के जंगल ऐसे सहायक वन हैं जो नेतरहाट की सुंदरता को और भी बढ़ाते हैं। इस वन के लंबे - लंबे चीड़ के पेड़ और देवदार के घने बाग इसे एक बेहतरीन जगह बनाते हैं। यहां पर आप फ़ोटो तथा वीडियो भी शूट कर सकते हैं, इसके लिए ये जगह काफ़ी अच्छा है।
नेतरहाट में चीड़ के जंगल एक ऐसी जगह है जहाँ पर आप Advanture Tracking का भरपूर मजा ले सकते हैं। चीड़ वन में Tracking करना तथा यहां के प्राकृतिक नज़रों का आनंद लेना आपके लिए बेहद खास साबित हो सकता है। इस क्षेत्र में मौसम ज्यादातर ठंडा रहता है जो शहर की तुलना में काफी सुखद महसूस कराता है।
शैले हाउस (Shaile House) -
शैले हाउस (Shaile House), नेतरहाट में लकड़ी से बना बंगला है जो कि उस समय का काफ़ी अच्छा बंगला माना जाता है। यह ब्रिटिश सरकार के द्वारा भारत के बंगाल प्रेसीडेंसी (President) के दौरान बिहार और उड़ीसा के लेफ्टिनेंट-गवर्नर "सर एडवर्ड अल्बर्ट गैट" (Lefitnent Governer "Sir Adward Albert Gait") के शासन काल के दौरान बनाया गया था। जो - जो ब्रिटिश अधिकारी नेतरहाट को पसंद करते थे उसके लिए यह बंगला समर हाउस (Summer House) था।
लोध फॉल / बूढ़ा घाघ जलप्रपात -
लोध जलप्रपात झारखंड का सबसे ऊंचा जलप्रपात और पूरे भारत का 21वां सबसे ऊंचा जलप्रपात है। इस फॉल की विशेषता है कि फॉल में कई बूंदें हैं, जो पहाड़ियों के दोनों किनारों से एक के बाद एक कम दूरी के भीतर गिरती हैं।
इस फॉल का सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसकी गहराई का पता आज तक नहीं चल पाया है और बहुत कोशिशों के बावजूद कोई भी कभी भी गहराई को मापने में सफल नहीं होता है। लोध जलप्रपात नेतरहाट से 70 KM की दूरी पर स्थित है।
लोध जलप्रपात के बारे में अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और विस्तार से पढ़े।
निचला घाघरी जलप्रपात (Lower Ghaghri Fall) -
निचला घाघरी जलप्रपात नेतरहाट से क़रीब 10 KM की दूरी पर स्थित है, जो कि काफ़ी घने जंगलों से चारों ओर से घिरा हुआ है। ये फॉल भी पहाड़ी से नीचे अपना रास्ता बनाकर आगे की ओर बढ़ने लगती है।
निचला घाघरी झरना, नेतरहाट के प्रमुख पर्यटन आकर्षणों में से एक है जहाँ की यात्रा आपको अवश्य करनी चाहिए। निचला घाघरी झरना काफ़ी घने जंगल में स्थित एक ऐसी जगह है जहाँ पर लगभग 32 फीट ऊपर से पानी गिरता है। ये झरना जंगल के बीचों - बीच से अपना रास्ता बनाते हुए एक छोटी नदी के रूप में नजर आती है।
इस झरने के दोनों किनारों पर पेड़ - पौधे भरे पड़े हैं जो इसे और भी ज्यादा खूबसूरत बनाते हैं। निचला घघरी जलप्रपात नेतरहाट से लगभग 10 किलोमीटर दूर पर स्थित है।
ऊपर घघरी जलप्रपात (Upper Ghaghri Fall) -
ऊपरी घाघरी एक छोटा सा जलप्रपात है जो नेतरहाट के Hill Station से महज़ 4 KM की दूरी पर स्थित है। घाघरी नदी लातेहार जिले में दो झरनों को जन्म देती है, अर्थात् ऊपरी घाघरी जलप्रपात और निचला घाघरी जलप्रपात।
पतझड़ की मौसम में इस जगह पर पिकनिक मानना काफ़ी अच्छा होता है। ऊपरी घाघरी जलप्रपात भी नेतरहाट के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। इस झरने के दोनों तरफ बहुत सारे पेड़ - पौधे भरे पड़े हैं जो कि इसकी खूबसूरती को दुगुनी कर देता है। हरी - भरी घाटी के बीच साफ़ नीला आकाश के नीचे स्थित यह एक खूबसूरत जगह है। इस जगह की यात्रा भी आपको जरुर करनी चाहिए।
सदानी फॉल्स (Sadani Fall) -
झारखंड के गुमला जिले में स्थित सदानी जलप्रपात कभी हीरे के भंडार का केंद्र हुआ करता था। सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दी के दौरान, इस स्थान पर कुछ दुर्लभ और बड़े हीरे का उत्पादन हुआ करता था। सदानी फॉल बिलकुल सांप की तरह दिखती है, जिसे दूर से देखने पर प्रतीत होता है कि पहाड़ियों से नीचे कोई सांफ फिसल रहा है।
सदानी जलप्रपात, नेतरहाट से क़रीब 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सुरकाई घाघरी जलप्रपात (Surkai Ghaghri Fall) -
सुरकाई घाघरी जलप्रपात नेतरहाट के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। ये फॉल भी जंगलों के बीचों - बीच पर स्थित है, इसके दोनों किनारे हरे - भरे पेड़ - पौधे से भरे पड़े हैं। नेतरहाट के पास अगर देखने के लिए सबसे अच्छी जगहों की खोज करते हैं तो आप इस जलप्रपात को भी अवश्य देखें।
इस तरह से अछूते जलप्रपात को निश्चित रूप से अधिक से अधिक पर्यटकों के ध्यान की आवश्यकता होती है। ये फॉल लगभग नेतरहाट से 58 किमी की दूरी पर स्थित है।
नेतरहाट का मौसम (Whether of Netarhat) -
नेतरहाट का मौसम ग्रीष्मकाल यानि मार्च से जून के महीने में 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच तापमान रहता है। बरसात का मौसम यानि जुलाई - अक्टूबर के महीने तक जारी रहता है। सर्दियों का मौसम यानि नवंबर से फरवरी के बीच होता है और तापमान 8 से 12 डिग्री सेंटीग्रेड तक गिर जाता है।
नेतरहाट घूमने का सबसे अच्छा समय -
नेतरहाट घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से अप्रैल के महीनों में होता है, क्योंकि इस समय न तो ज्यादा गर्मी होती है और न ही ज्यादा ठंडा। हालांकि, अगर आप Winter ❄️ Lover हैं यानि सर्दियों का आनंद लेने के लिए जाते हैं तो आप नवंबर से फरवरी के महीनों के बीच जाइए ये सबसे अच्छा समय होता है।
अगर आप Rainy Lover हैं तो आप जुलाई से सितम्बर के मानसून के महीनों के दौरान आप यात्रा कर सकते हैं हां लेकिन इस समय बहुत खतरनाक साबित हो सकता है अगर आप ध्यान से यात्रा नहीं करते हैं तो।
नेतरहाट में सालों भर आते हैं पर्यटक -
नेतरहाट में यूं तो सालों भर सैलानियों का आना-जाना होता है, लेकिन ख़ास तौर पर नवंबर से मार्च के महीना तक देश-विदेश के सैलानी यहां की मनोरम छटा देखने के लिए आते हैं। यहां पर सबसे अधिक सैलानियों को भाने वाला स्थान है Sunset 🌄 Point तथा Sunrise 🌅 Point ।
इसके अलावा यहां पर जलप्रपात, टेढ़े-मेढ़े रास्ते, रंग बिरंगे पक्षियों का संगम कहीं दूसरी जगह में भी देखने को नहीं मिलता है।
विदेशों से भी आते हैं सैलानी -
यहां पर हर साल पर्यटक के रूप में देश - विदेश से लोगों का आना - जाना लगा रहता है । इस बहुचर्चित नेतरहाट में सबसे अधिक कोलकता और मुंबई आदि से लोग आते हैं तथा इसके अलावा थाइलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, जापान समेत कई देशों के सैलानी यहां पहुंचते हैं।
नेतरहाट के होटल एवं रेस्टोरेंट वालों की चांदी - चांदी हो जाती है -
सीजन के अनुसार यहां के होटल और रेस्टोरंट में काफी भीड़ बढ़ जाती है। देश-विदेश के सैलानी (Tourists) यहां की मनोरम वादियों का आंनद लेने के लिए कई दिनों तक यहां समय बिताते हैं। इसी कारण यहां के होटल एवं रेस्टोरंट मालिकों की चांदी - चांदी हो जाती है।
इसके अलावा यहां के छोटे - छोटे दुकानदारों की भी बिक्री काफ़ी बढ़ जाती है। यहां के होटल संचालकों का कहना है कि हमलोगों की जीविका सैलानियों पर ही टिकी है। ये खूबसूरत जगह होने के कारण यहां पर सैलानी दूर-दूर से आते हैं। कई सैलानी तो Advance Booking कर देते हैं।
नेतरहाट कैसे पहुंचें ?
यह डालटनगंज से 117 किमी, रांची से 152 किमी, और लोहरदगा से 82 किमी से है।
By Air ✈️:-
- Nearest Airport -
- Birsa Munda International Airport, Ranchi - 155 Kilometres (3hr 47 min)
By Train🚉 :-
- Nearest Railway Station -
- Ranchi Railway Station - 153 Kilometres
- Hatia Railway Station - 157 Kilometres
By Bus 🚌:-
- Nearest Bus Stand -
- Khadgada (Kantatoli) Bus Stand, Ranchi - 155 kilometres
- Daltanganj Bus Stand - 117 kilometres
- Gumla Bus Stand - 70 kilometres
नेतरहाट, रांची घाघरा - नेतरहाट रोड रास्ते से पहुंचा जा सकता है। इसके सबसे सामने लोध फॉल पयर्टन स्थल है। नेतरहाट तक पहुंचने के लिए पर्यटक निजी वाहन किराए पर ले सकते हैं। जैसे - Taxi , Ola , Uber आदि।
नेतरहाट में क्या -क्या कमियां हैं ?
झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के पर्यटन विभाग Jharkhand Tourism Development Corporation (JTDC) की योजना के अनुसार, नेतरहाट को बहुत सारी सुविधाएं तो पहले से हैं । जैसे यहां पर KIOSK, Restaurants, Guests House, Toilet, Fast Food Stalls, Light House & Watch Tower (View Point) ये सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
इन सारी चीजों को एक बार अच्छा से Repearing की जरूरत है ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को कुछ दिक्कत ना हो।
लोध जलप्रपात (Lodh Waterfalls) में क्या -क्या कमियां हैं ?
झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के पर्यटन विभाग Jharkhand Tourism Development Corporation (JTDC) की योजना के अनुसार, हिरनी जलप्रपात को बहुत सारी सुविधाओं की ज़रूरत है। जैसे यहां पर एक KIOSK, Restaurants, Guests House, Toilet, Fast Food Stalls, Light House & Watch Tower (View Point) लगना चाहिए।
नेतरहाट जाने के पहले इन बातों को जरुर जानें -
- यहां पर जब जी जाते हैं आपने दोस्तों के साथ या आपने परिवारों के साथ जाएं , क्योंकि ये जगह समूह में जाने से वो मज़ा दुगुनी हो जाती है।
- यात्रा का सबसे अच्छा समय मार्च - अप्रैल महीना के बीच है।
- Picnic & Nature Advantures के लिए ये जगह काफ़ी अच्छी जगह है।
- ज्यादा घने जंगलों में न जाएं और न ही ऊंचे चट्टानों पर चढ़ें।
- वैसे तो देख रेख के लिए आदमी है फिर भी अपनी सुरक्षा खुद से करें।
- रात को यात्रा करने से बचें , सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक अच्छा समय है।
नेतरहाट जाते समय कहाँ ठहरें?
होटल 🏨 (Hotel) -
होटल प्रभात विहार डीलक्स जो कि झारखंड पर्यटन विकास निगम (Jharkhand Tourism Development Corporation ) (JTDC) द्वारा नेतरहाट में Sunrise 🌅 Point के पास संचालित एक होटल है। यह होटल लगभग सभी पर्यटन स्थलों और नेतरहाट बस स्टैंड के निकट है।
इस होटल में आप OnlineBooking भी कर सकते हैं, इसके लिए आपको झारखंड पर्यटन (Jharkhand Tourism) की आधिकारिक वेबसाइट (Official Website) पर जाना होगा।
डाक बंगला एक और होटल है जिसे नेतरहाट जाने के दौरान ठहर सकते हैं। ये होटल लातेहार पर्यटन (Lathehar Tourism) के द्वारा चलाया जाता है। इस होटल पर भी आप Online Booking कर सकते हैं, इसके लिए आपको लातेहार पर्यटन (Lathehar Tourism) की आधिकारिक वेबसाइट (Official Website) पर जाना होगा ।
तंबू ⛺ (Tent ) -
झारखंड पर्यटन विकास निगम (Jharkhand Tourism Development Corporation ) (JTDC) के द्वारा ही ये सिस्टम चलाया जाता है। यहां पर पर्यटकों को एक अलग अनुभव देने के लिए स्विस कॉटेज टेंट (Swish Cottege Tent) की सुविधा भी प्रदान करता है।
इसे भी आप Online Booking कर सकते हैं, इसके लिए आपको झारखंड पर्यटन (Jharkhand Tourism) की आधिकारिक वेबसाइट (Official Website) पर जाना होगा
नेतरहाट जैसे पर्यटन स्थलों के नाम -
- सीता जलप्रपात/ Sita Falls / Sita Falls
- जोन्हा फॉल / Jonha Falls
- हुंडरू जलप्रपात /Hundru Fall
- पेरवा घाघ जलप्रपात /Perwa Ghagh Fall
- दशम जलप्रपात /Dasham Fall
- सूर्य मंदिर / Surya Mandir
- दिउड़ी मंदिर / Dewri Mandir
- बिरसा जैविक उद्यान / Bhagwan Birsa Biological Park
- मां छिन्नमस्तिका मंदिर | Maa Chhinamastika Temple
- पारसनाथ की पहाड़ी / Parasnath Hill
- पंचघाघ फॉल / Panchghagh Fall
- Tilaiya Dam / तिलैया डैम
निष्कर्ष :-
आज इस Article में विस्तार से बताया :- झारखण्ड के बहुत ही प्रसिद्ध जलप्रपात का जिसका नाम है - नेतरहाट कहां स्थित है ?, नेतरहाट का इतिहास क्या है ? नेतरहाट कैसे पहुंचे ?, नेतरहाट का मौसम कैसा रहता है ? , नेतरहाट के सामने कौन सा पर्यटन स्थल है ? तथा इसके अलावे अनेकों जानकारियां जो आपको जाननी चाहिए।
तो ये जानकारी आपको कैसी लगी आप हमें Comments में बता सकते हैं तथा पसंद आई तो अपने दोस्तों को भी Share कर सकते हैं। साथ ही साथ हमारी हर Post की जानकारी सबसे पहले पाने के लिए Subscribe Box में अपना Email Id डाल कर Subscribe कर सकते हैं।
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FAQs -
नेतरहाट से निकटतम रेलवे स्टेशन कौन सा है ?
- नेतरहाट शहर का अपना कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। निकटतम रेलवे स्टेशन लोहरदगा (Station Code :- LAD) है, जो NH143A और घाघरा-नेतरहाट रोड के माध्यम से 82 किमी की दूरी पर स्थित है।
- निकटतम जंक्शन बरवाडीह जंक्शन (Station Code :- BRWD) है, जो घाघरा - नेतरहाट रोड के माध्यम से 95 किमी की दूरी पर स्थित है।
नेतरहाट से निकटतम हवाई अड्डा कौन सा है ?
- बिरसा मुंडा हवाई अड्डा, रांची घाघरा - नेतरहाट रोड के माध्यम से 155 किमी की दूरी पर स्थित है।
क्या नेतरहाट पर्यटकों के लिए सुरक्षित है ?
- जी हां, नेतरहाट पर्यटकों के लिए बिल्कुल सुरक्षित जगह है।